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कोरोना महामारी के बीच चीन के एक और वायरस का भारत पर मंडरा रहा खतरा

नई दिल्‍ली।भारत में कोरोना महामारी का प्रकोप थमने का नाम ही ले रहा हर दिन हजारों की संख्‍या में लोग कोविड19 की चपेट में आ रहे हैं। इसी बीच भारत के वैज्ञानिकों ने भारत में एक और चीन के वायरस के खतरे को लेकर आगाह किया है। कोविड के खिलाफ लड़ाई के बीच, चीन के एक अन्य वायरस से भारत में बीमारी होने की संभावना है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिकों ने virus कैट क्यू वायरस ‘(CQV) नामक एक और वायरस की खोज की है, जो देश में बीमारी पैदा करने की क्षमता रखता है।

भारत पर मंडरा रहा ये खतरा

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिकों ने वायरस कैट क्यू वायरस ‘(CQV) नामक एक और वायरस की खोज की है, जो देश में बीमारी पैदा करने की क्षमता रखता है।

भारत में सीक्‍यूवी से होने वाली बीमारी फैलने की संभावना है

जिन दो लोगों के सिरम सैंपलों में एंटी-सीक्‍यूवी आईजीजी एंटबॉडी मिलने की पुष्टि हुई है वे दोनों कर्नाटक में लिए गए थे। उनके दोनों के सैंपलों को 2014 और 2017 में लिए गए थे। इस बारे में आईसीएमआर की मेडिकल पत्रिका आईजेएमआर ने कहा कि मानव सिरम सैंपल में एंटी सीसीक्‍यू आईजीजी एंटीबॉडी मिने के संबंध में टेस्‍ट किए गए थे और मच्‍छरों में सीक्यूवी के रिप्लिकेशन की जांच की गई थी। इससे संकेत मिलता है कि भारत में सीक्‍यूवी से होने वाली बीमारी फैलने की संभावना है। इसलिए रक्षात्‍कमक नीति के तहत अधिक से अधिक लोगों की स्‍क्रीनिंग और (स्‍वाइन सुअर) सिरम सैंपलों की जांच की आवश्‍यकता है ताकि दस उष्‍ण कटिबंधीय वायरस के प्रसार के बारे में जाना जा सके।

ताकि आपातकाल की स्थिति से पहले की तैयारी की जा सके

ICMR वैज्ञानिकों ने कहा कि सीक्‍यूवी फैलने वाले मच्‍छरों ( जिनके प्राइमरी मेमेलियम होस्‍ट सुअर है) का होना और जंगली मैन में इस वायरस का मिलना एक संभावना की ओर ध्‍यान दिलाता है कि भारत में इस ऑर्थोबुन्‍यावायरस से सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य संकट खड़ा हो सकता है। ऐसे में सीक्यूवी के लिए मॉलिक्यूलर और सेरोलॉजिकल टेस्‍ट डेवलेप करने, लोगों और सुअरों की स्‍क्रीनिंग करने और मच्‍छरों में इसके रेप्लिकेशन की जांच करने की जरुरत महसूस हुई है ताकि आपातकाल की स्थिति से पहले की तैयारी की जा सके।

आसानी से इससे संक्रमित हो स‍कते हैं

ICMR ने कहा कि मानव सीरम नमूनों में एंटी-सीवीसी भारतीय मच्छरों में इसके व्यवहार को समझने के लिए मच्छरों की तीन अलग-अलग प्रजातियों की जांच की गई। कैनेटीक्स और अतिसंवेदनशील प्रयोग किए गए थे। इसमें पता चला कि यहां पाए जाने वाले मच्‍छर सीक्यूवी वायरल के प्रति संवेदनशील हैं यानी आसानी से इससे संक्रमित हो स‍कते हैं और अन्‍य सुअरों तथा मनुष्‍यों में पहुंचा सकते हैं।

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