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ताहिर हुसैन ने माना कि वो दूसरे समुदाय को चाहता….


उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में गिरफ्तार आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन से पूछताछ में पुलिस ने एक और बड़ा खुलासा किया है। पुलिस की मानें तो पूछताछ में ताहिर हुसैन ने कबूला है कि वह दूसरे धर्म विशेष के लोगों को करीब तीन सालों से सबक सिखाने का मौका ढूंढ रहा था।
सीएए और एनआरसी के विरोध में फरवरी में हुए दंगे में ताहिर ने अपने तीन साल पुराने मंसूबे को अंजाम देने की साजिश रची। सरकारी कबूलनामे में इसका भी जिक्र है कि दंगे को अंजाम देने में ताहिर को खालिद सैफी और पीएफआई का पूरा साथ भी मिला।
पुलिस का कहना है कि पूछताछ में ताहिर हुसैन ने कबलू किया कि खालिद सैफी ने उससे कहा था कि तुम्हारे पास राजनीतिक पावर और पैसा दोनों है, जिसका इस्तेमाल दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ और अपनी कौम को मजबूत करने के लिए करेंगे।

उसने बताया कि इस पूरे मामले में खालिद ने उसका साथ देने की बात कही थी। ताहिर ने कबूला कि कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद खालिद सैफी उसके पास आया था और उसने कहा था कि इस बार अब हम चुप नहीं बैठेंगे। इसी बीच राम मंदिर के फैसले के साथ सीएए कानून भी आ गया है। अब मुझे लग रहा है कि पानी सिर से ऊपर जा चुका है और अब तो कुछ कदम उठाना ही पड़ेगा।

तीन साल से था फिराक में…
ताहिर ने पुलिस को बताया कि जब मैं 2017 में आम आदमी पार्टी का पार्षद बना था, तब से ही मेरे मन में था कि मैं अब राजनीति और पैसों की बदौलत दूसरे समुदाय के लोगों को सबक सिखा सकता हूं। इसके बाद से वह लगातार सही मौके का इंतजार कर रहा था। कबूलनामे में कहा गया कि ताहिर ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि 8 जनवरी को खालिद सैफी ने उसे जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से शाहीन बाग स्थित पीएफआई के दफ्तर में मिलवाया था। जहां उमर खालिद ने कहा था कि कौम के लिए वह मरने मारने को राजी है। वहीं, खालिद सैफी ने कहा कि पीएफआई का सदस्य दानिश भी दूसरे समुदाय के खिलाफ जंग में पूरी आर्थिक मदद करेगा।

खालिद सैफी ने लोगों को भड़काकर सड़कों पर उतारा
इसके साथ ही ताहिर ने पुलिस के समक्ष कबूला कि योजना के तहत उसे ज्यादा से ज्यादा कांच की बोतल, पेट्रोल, तेजाब, और पत्थर इकट्ठा करके अपने घर की छत पर रखने की जिम्मेदारी मिली थी। जबकि खालिद सैफी ने अपने जानकारों की मदद से लोगों को सड़कों पर इकट्ठा कर धरने प्रदर्शन के लिए तैयार किया था। दूसरी ओर खालिद सैफी ने अपनी दोस्त इशरत जहां के साथ मिलकर सबसे पहले शाहीन बाग की तर्ज पर खुरेजी में धरना प्रदर्शन शुरू करवाया।

फिर जगह-जगह धरने प्रदर्शन शुरू हो गए। इसके बाद 4 फरवरी को अबू फजल इंक्लेव में मेरी खालिद सैफी से दंगों की योजना को लेकर मुलाकात हुई। इस बीच उमर खालिद ने कहा कि पैसों की चिंता न करें, उसके लिए पीएफआई, जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी, कई राजनीतिक लोग, वकील और अन्य मुस्लिम संगठन हमारी मदद कर रहे हैं। उसने खुलासा किया कि दंगे से पहले तय किया कि सीएए विरोधी धरने पर बैठे लोगों को भड़का कर चक्का जाम करवाया जाए। अगर पुलिस या दूसरे धर्म के लोग इसको रोकेंगे तो हम अपने लोगों को भड़का कर दंगे शुरू करवा देंगे।

ट्रम्प की भारत यात्रा के दौरान करना चाहते हैं बड़ा दंगा
ताहिर हुसैन ने कबूला कि 17 फरवरी 2020 को उमर खालिद ने ट्रम्प की भारत यात्रा के दौरान लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील की थी। उस वक्त ताहिर को तेजाब भी इकट्ठा करने को कहा गया था ताकि उसे पुलिस पर फेंका जा सके। इसके साथ ही ताहिर ने अपने मजदूरों को तैयार किया ताकि वो दंगे में बम और पत्थर फेंकने का काम कर सकें।

योजना के मुताबिक, ताहिर ने पहले से ही अपने घर की छत पर चांद बाग में रहने वाले अरशद कय्यूम, मोनू, अपने दफ्तर के पास रहने वाले गुलफाम (जिसके पास अपनी पिस्तौल थी), शरद अहमद हाजी, मूंगा नगर के लियाकत अली, उसके बेटे रिशाद अली, दयालपुर के मोहम्मद रियान अरशद और अपने यहां काम करने वाले इलेक्ट्रिशयन मोहम्मद आबादी, अकाउंटेंट मोहम्मद शादाब और राशिद सैफी के अलावा अपने भाई शाह आलम को बुला रखा था।

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