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राजस्थान में आकाशीय बिजली गिरने से 22 लोगों की मौत

राजस्थान में राजधानी जयपुर सहित छह जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से करीब दस बच्चों सहित 22 लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार रात बरसात के दौरान जयपुर के आमेर क्षेत्र में बने वॉच टावर पर बिजली गिर जाने से वहां घूम रहे लगभग तीन दर्जन लोग इसकी चपेट में आ गये। जिनमें ग्यारह लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोगों का इलाज एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में चल रहा हैं। वॉच टावर पहाड़ी पर स्थित होने से वहां कुछ लाेगों के पहाड़ी से नीचे झाड़ियों में गिर जाने की आशंका के मद्देनजर अभी भी बचाव कार्य जारी हैं और किसी झाड़ियों में होने की तलाश की जा रही है।

हादसे के मृतकों में आमेर में हांडीपुरा निवासी जीशान्त (12) छोटी चौपड़ के शोएब, घाटघेट के शाकिब, शांति कॉलानी के नाजिम, चार दरवाजा के आरिफ, राजापार्क के राजा दास, जनता कॉलोनी एवं सीकर के वैभव एवं पंजाब में अमृतसर निवासी अमित शर्मा एवं शिवानी शामिल बताये जा रहे हैं। चिकित्सा मंत्री डा रघु शर्मा ने अस्पताल पहुंचकर घायलों की कुशलक्षेम पूछी। सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी आज सुबह अस्पताल पहुंचकर घायलों के उपचार का जायजा लिया और बताया कि घायलों की सेहत में हो तेजी से सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं सारी जानकारी ले रहे हैं और निगरानी बनाये हुए हैं। उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र में किसी के फंसे होने की आशंका के चलते बचाव कार्य किया जा रहा रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां भी अस्पताल जाकर घायलों की कुशलक्षेम पूछी हैं।

जयपुर के बगरियां गांव में भी एक बारह वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। इसके अलावा कोटा जिले में कनवास क्षेत्र के गरड़ा टाडा गांव में चार तथा धौलपुर के बाड़ी में तीन बच्चों आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। इसी तरह झालावाड़ में एक किसान, बारां जिले के बहराई ओड़ाखारा गांव में एक व्यक्ति, टोंक के निवाई क्षेत्र में एक किसान की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई।

आपदा मंत्री राजेन्द्र यादव ने कहा कि आकाशीय बिजली गिरने से हुई मौत के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतकों के परिजनों को प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच लाख रुपए तुरंत सहायता पहुंचाने की घोषणा की हैं और रात भर से आमेर में राहत कार्य किया जा रहा हैं। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार आकाशीय बिजली की इस तरह की घटना पहली बार सामने आई हैं और राज्य सरकार चौकन्नी हैं और जरुरत पड़ी तो जरुरत पड़ने पर नई गाइड लाइन तैयार की जायेगी।

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