अपराध

कम्प्यूटर बाबा के आश्रम पर प्रशासन का छापा 6 गिरफ्तार

इंदौर: कम्प्यूटर बाबा को अपना आश्रम छोडकर भागना पडा जब उन पर अतिक्रमण के आरोप पर प्रशसन ने घेरना चाहा। मध्य प्रदेश के इंदौर में रविवार सुबह कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर नगर निगम और जिला प्रशासन के दस्ता ने कार्रवाई की। अतिक्रमण के आरोप पर गोमतगिरी स्थित उनके आश्रम से अतिक्रमण हटाया गया, जबकि छह लोग गिरफ्तार किए गए।   46 एकड़ गोशाला की जमीन पर आश्रम का कब्जा हो रखा था। विवाद की आशंका के मद्देनजर पांच लोग गिरफ्तार भी किए गए हैं। साथ ही दो और जगहों पर भी अवैध कब्जे की खबर है। यह भी बताया जा रहा है कि कार्रवाई के लिए 10 थानों की पुलिस लगाई है।

कंप्यूटर बाबा कार्रवाई के दौरान मौके पर नहीं थे। हालांकि, इस बाबत किसी तौर पर आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। कंप्यूटर बाबा अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। वह बीजेपी के खिलाफ बयान भी देते रहे हैं। हाल ही में म.प्र की सभी 28 उपचुनाव सीटों पर जाकर प्रचार भी किया था। माना जा रहा है कि वह बीजेपी के निशाने पर थे। इसी बीच, कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे पर कहा है- इंदौर में बदले की भावना से कंप्यूटर बाबा का आश्रम और मंदिर बिना किसी नोटिस दिए तोड़ा जा रहा है। यह राजनैतिक प्रतिशोध की चरम सीमा है। मैं इसकी निंदा करता हूं। कंप्यूटर बाबा का असल नाम नामदेव दास त्यागी है। साल 1998 में म.प्र के नरसिंहपुर में एक संत ने उन्हें कंप्यूटर बाबा नाम दिया था। दरअसल, त्यागी कार्टून देखने के लिए अपना लैपटॉप हर वक्त साथ रखकर चलते हैं। चूंकि, वह संत गैजेट्स और टेक्नोलॉजी में नामदेव दास त्यागी की रुचि से खासा प्रभावित हुए थे। ऐसे में उन्होंने उन्हें कंप्यूटर बाबा नाम दे दिया। इंदौर में कम्प्यूटर बाबा के आश्रम पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई.आश्रम का अतिक्रमण हटाया..कम्प्यूटर बाबा सहित 6 गिरफ्तार,कम्प्यूटर बाबा ने उपचुनाव में किया था का प्रचार ने भी दिया था मंत्री का दर्जा।

कंप्यूटर बाबा का ताल्लुक दिगंबर अखाड़ा से है। मूल रूप से वह इंदौर के हैं। कंप्यूटर बाबा नाम के पीछे एक कारण यह भी बताया जाता है कि त्यागी की याददाश्त तेज और उनका दिमाग कंप्यूटर जैसा चलता है। बाबा को काफी टेक्नोसेवी हैं। हाई-फाई स्मार्टफोन और नए गैजेट्स के शौकीन हैं। साल 2018 में तब की शिवराज सरकार में उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिला था। कांग्रेस ने तब विरोध किया था। पर बाद में समय का पहिया घूमा और कंप्यूटर बाबा चौहान से खफा हो गए थे। वह इसके बाद कांग्रेस का समर्थन करने लगे थे।

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