राष्ट्रीय

रक्षाबंधन: चीन को देने मात भारत मे आई “मोदी राखी” और “बीज राखी” लगा पाएंगे पौधे 🌱


दिल्ली. देश में चीनी सामान के बहिष्कार की मुहिम जोर पकड़ रही है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की अगुवाई में 10 जून 2020 को शुरू हुए चीनी उत्पादों के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान को पूरे देश में जोरदार समर्थन मिल रहा है. कैट का दावा है कि बाज़ारों में इस बार भारतीय सामान से बनी राखियों की मांग बढ़ गई है. खरीदार चीनी राखियों की बजाय भारतीय सामान से बनी राखियों के लिए अधिक कीमत भी देने को तैयार हैं. व्यापारी और उपभोक्ता चीन को सबक सिखाने के लिए रक्षाबंधन और दीपावली पर चीनी सामान बहिष्कार करेंगे. कैट की इस मुहिम की पहली बानगी रक्षाबंधन पर दिख सकती है.

‘मोदी राखी’ के साथ तैयार हो रही पारंपरिक राखी-
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की शायद यह पहली बार है कि पारंपरिक राखी बनाने के अलावा, महिलाओं ने नए-नए प्रयोग करते हुए कई अन्य प्रकार की राखियां भी विकसित की हैं जिनमें विशेष रूप से तैयार मोदी राखी, बीज राखी भी शामिल है जिसके बीज राखी के बाद पौधे लगाने के काम में आ सकते हैं.

इसी प्रकार से पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मिट्टी से बनी राखियां, दाल से बनी राखियां, चावल, गेहूं और अनाज के अन्य सामानों से बनी राखियाँ, मधुबनी पेंटिंग से बनी राखियां, हस्तकला की वस्तुओं से बनी राखियां, आदिवासी वस्तुओं से बनी राखियां आदि भी बड़ी मात्रा में देश के विभिन्न राज्यों में बनाई जा रही हैं.

मेड इन इंडिया प्रोडक्ट को मिल रहा बढ़ावा-
चीनी उत्पादों के बहिष्कार के अभियान ने देश भर में मेड इन इंडिया प्रोडक्ट की मांग बढ़ा दी है. राखी के इस त्योहार पर देश भर में कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं ,घरों व आंगनवाड़ी में काम करने वाली महिलाएं बड़े पैमाने पर कैट के सहयोग से राखियां बना रही हैं. इससे उन्हें न केवल रोजगार मिल रहा है बल्कि अकुशल महिलाओं को अर्ध-कुशल श्रमिकों में परिवर्तित करके उन्हें अधिक से अधिक सजावटी, सुंदर और नए डिजाइन की राखी बनाने के लिए कैट प्रोत्साहित कर रहा है.

वहीं इस वर्ष भारतीय महिलाओं की वास्तविक प्रतिभा और कला कौशल को विभिन्न प्रकार की राखियों में देखा जा सकता है. इन राखियों की बिक्री में कैट के व्यापारी नेता दिल्ली सहित प्रत्येक राज्य में इन उद्यमी महिलाओं की सहायता कर रहे हैं.


loading...

Related Articles

Back to top button