जश्न मना रहा था भारत: अतांकियो ने कर दिया ग्रेनेड हमला, मचा हड़कंप

श्रीनगर: भारत आज दो बड़े जश्न मना रहा है। एक तो अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने और दूसरे जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के एक साल पूरा होने का। ऐसे में आतंकी बौखालाए हुए हैं। इसी बौखलाहट में बुधवार को आतंकियों न जम्मू कश्मीर के शोपियां में सुरक्षबलों पर हमला कर दिया। सुरक्षाबलों ने भी आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया।
आतंकियों ने शोपियां में सुरक्षाबलों पर किया हमला
जम्मू कश्मीर में आतंकियों ने बुधवार को नापाक हरकतों को एक बार फिर अंजाम देते हुए शोपियां जिले में सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया। मिली जानकारी के मुताबिक, जिले के संगालो पुल पर तैनात पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को आतंकियों ने निशाना बनाया और ग्रेनेड हमला कर दिया है।
जवान बाल बाल बचे। घटना के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान चलाना शुरू कर दिया।

अनुच्छेद 370 हटाए जाने का एक साल पूरा
बता दें कि जम्मू कश्मीर में बुधवार को अनुच्छेद 370 हटाए जाने की पहली सालगिरह मनाई गयी। लोगों ने अपने घरों में तिरंगा फहराया है। कई लोगों ने इस दिन को ऐतिहासिक बताया।
छावनी में तब्दील हुआ जम्मू कश्मीर
वहीं संवेदनशीलता और किसी तरह की कानून व्यवस्था खराब करने की आशंका को लेकर पुलिस चौकसी बढ़ा दी गयी। नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष और सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने अपने आवास पर बैठक बुलाई थी, इसपर पुलिस ने कर्फ्यू के मद्देनजर उनके आवास के पास वाली गुपकार रोड को छावनी में तबदील कर दिया है। रास्तों को भी सील कर दिया गया।

बताया जा रहा है कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 की रणनीति तैयार करने के लिए अपने घर पर बैठक बुलाई थी। बैठक में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के कई नेताओं को न्योता भेजा गया था।
कई नेताओं को किया गया नजरबंद :
कानून व्यवस्था और शांति बनाये रखने के लिए कई नेताओं को घरों में नजरबंद कर दिया गया। इनमें एएनसी के उपाध्यक्ष मुजफ्फर शाह, बेगम खालिदा शाह और डॉ. मुस्तफा कमाल का नाम शामिल हैं। इसके अलावा पीडीपी नेता रूफ भट को हिरासत में ले लिया गया।

3 दिन का कर्फ्यू लागू
बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाए एक साल होने पर सरकार ने अलगाववादियों के प्रदर्शन की जानकारी मिलने के बाद एहतियातन ३ से 5 अगस्त तक श्रीनगर जिले में कर्फ्यू लगाया है।

5 अगस्त को अलगाववादी ‘ब्लैक डे’ मनाने की तैयारी में
इस के आदेश के मुताबिक़, रिपोर्ट मिली थी कि कुछ अलगाववादी और पाक समर्थित संगठन 5 अगस्त को जिले में ‘Black Day’ मनाने वाले हैं। बताया गया कि प्रदर्शन के दौरान ये लोग हिंसक भी हो सकते थे। ऐसे में कानून व्यवस्था बिगड़ने के साथ ही जान-माल को भी खतरा हो सकता था। वहीं प्रदर्शन के दौरान लोगों के एकत्र होने से कोविड-19 के फैलने का भी खतरा हो सकता है। ऐसे में इलाके में भीड़ इकट्ठा होने को लेकर पाबंदी लागू कर दी गई।