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भारत अाई स्पुतनिक वैक्सीन, जाने कब से लगेगी

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देश में जारी कोरोना संकट के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस कॉन्फ्रेंस में मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, डॉ बलराम भार्गव, आईसीएमआर और नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल मौजूद रहे. लव अग्रवाल ने बताया कि देश के 187 जिलों में पिछले 2 हफ्तों से कोरोना मामलों में गिरावट जारी है. 24 राज्य में पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी तक है, जबकि 12 राज्य ऐसे हैं जहां एक लाख से अधिक कोरोना के केस हैं. 

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इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अगले हफ्ते सेस्पुतनिक (Sputnik V) वैक्सीन की बिक्री भारत में शुरू हो जाएगी. साथ ही स्पुतनिक अक्टूबर तक भारत में उत्पादित होकर मिलने लगेगी. मंत्रालय के बयान से साफ है कि भारत में अब रूसी वैक्सीन स्पूतनिक अगले हफ्ते से बाजारों में दिखने लगेगा. अगले 2 महीनों में ऐसी योजना है कि भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर रूस की कंपनी भारत में ही इस वैक्सीन का उत्पादन करेगी.  

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने बताया कि अब धीरे-धीरे फिर से रिकवरी रेट बढ़ रहा है. मौजूद समय में रिकवरी रेट 83.26% है. अब केस भी घट रहे हैं. उन्होंने कहा कि टेस्टिंग भी अब सबसे अधिक हो रही है. 

लव अग्रवाल ने बताया कि बिहार में एक्टिव केस एक लाख से नीचे आ गए हैं. 16 राज्य ऐसे हैं जहां एक्टिव केस 50 हजार से कम हैं. राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, यूपी, दिल्ली में अब नए केस कम आने शुरू हो गए हैं. देश में 24 राज्य शासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां 15% से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है. 5-15% पॉजिटिविटी रेट 8 राज्यों में है. 5% से कम पॉजिटिविटी रेट 4 राज्यों में है. 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि देश में 12 राज्य ऐसे हैं जहां एक लाख से भी ज्यादा एक्टिव मामले हैं. 8 राज्यों में 50,000 से एक लाख के बीच एक्टिव मामलों की संख्या बनी हुई है. 16 राज्य ऐसे हैं जहां 50,000 से भी कम एक्टिव मामलों की संख्या बनी हुई है. 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अगले हफ्ते से स्पुतनिक (Sputnik V) वैक्सीन की बिक्री भारत में शुरू हो जाएगी. 2 बिलियन डोज भारत में अगले पांच महीनों में उपलब्ध होगी. देसी और विदेशी वैक्सीन दोनों भारत में लगने लगेगी. स्पुतनिक अक्टूबर तक भारत में उत्पादित होकर मिलने लगेगी. 

मंत्रालय ने बताया कि सरकार की इस नीति और आंकड़ों के साथ किसी को शक ना हो कि वैक्सीन का संकट होगा. सबको वैक्सीन लगाई जाएगी. साथ ही यह भी बताया गया कि राज्य स्वायत्तता चाहते थे, जो अब केंद्र ने दे दी है. डबल्यूएचओ से जो वैक्सीन अप्रूव हैं, उनको भारत में मंजूरी मिलेगी. आयात आयत लाइसेंस की कोई पाबंदी नहीं होगी.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जनता और राज्यों की मांग और जरूरत पर ये कदम उठाए गए हैं. यह भी कहा कि कुल मिलाकर, भारत में और भारतीयों के लिए अगस्त-दिसंबर के बीच वैक्सीन की 216 करोड़ खुराकें भारत में निर्मित होंगी. 


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