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S-400 missile :भारत की बढ़ाने सैन्य क्षमता आ रहा ये नया सिस्टम

भारत को साल 2023 तक रूस में निर्मित क्रिवाक श्रेणी का पहला जंगी जहाज मिल जाएगा। यूनाइटेड शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन (यूएससी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलेक्सी रखमानोव ने यह भरोसा दिलाया। इसके अलावा भारत को इस साल के आखिर तक रूसी मिसाइल रक्षा सिस्टम एस-400 भी मिलने की उम्मीद है।मॉस्को में आयोजित ‘आर्मी-2021 को संबोधित करते हुए रखमानोव ने कहा, ‘कोरोना संकट के चलते क्रिवाक श्रेणी के जहाज के निर्माण में कुछ अड़चनें आईं। यह प्रोजेक्ट लगभग आठ महीने पीछे चल रहा है। भारत को 2023 के मध्य तक दो में से एक जहाज सौंप दिया जाएगा। रूसी अधिकारी ने बताया कि यानतार बंदरगाह पर जहाज के निर्माण में योगदान देने के लिए भारतीय तकनीशियनों को भी आमंत्रित किया जाएगा। इससे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में क्रिवाक श्रेणी के दो जंगी जहाज के निर्माण की भावी योजना को साकार करने में मदद मिलेगी। रखमानोव ने कहा कि हम चाहते हैं कि भारतीय तकनीशियन जहाज बनते देखें, ताकि वे इसकी तकनीक एवं प्रौद्योगिकी से अच्छी तरह वाकिफ हो सकें। इससे दूसरे चरण के तहत गोवा शिपयार्ड में जहाज का निर्माण आसान हो जाएगा। भारतीय तकनीशियन न सिर्फ कलपुर्जे जोडऩे, बल्कि प्रौद्योगिकी को अंतिम रूप देने में भी सक्षम बन पाएंगे।एस-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति इस सालरूस साल 2021 के अंत तक भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की आपूर्ति शुरू कर देगा। रूसी कंपनी ‘अलमाज-आंते’ के सीईओ व्याचेशलव जिरकाल्न ने सोमवार को मॉस्को में आयोजित ‘आर्मी-2021 में यह जानकारी दी। जिरकाल्न ने कहा कि एस-400 का निर्माण निर्धारित समय पर आगे बढ़ रहा है। साल के अंत तक भारत को इस मिसाइल रक्षा प्रणाली की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। मौजूदा समय में भारतीय जवानों को एस-400 के संचालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भारत ने अक्तूबर 2018 में पांच एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए रूस के साथ 5.43 अरब डॉलर का समझौता किया था।

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