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इन 26 कंपनियों को प्राइवेट हाथो में सौंपने की तैयारी में मोदी सरकार, देखे पूरी लिस्ट

भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटे़ड से लेकर एयर इंडिया तक के निजीकरण को लेकर अकसर ही खबरें आती रहती हैं, लेकिन एक आरटीआई के जवाब में पता चला है कि सरकार कुल 26 कंपनियों के निजीकरण की तैयारी में है। इन कंपनियों में पवन हंस लिमिटेड से लेकर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड तक शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पिछले दिनों 23 पीएसयू के निजीकरण का ऐलान किया था, लेकिन आरटीआई में 26 कंपनियों के प्राइवेटाइजेशन का खुलासा हुआ है। सरकार जिन कंपनियों का निजीकरण करने जा रही है, उनमें कई ऐसी कंपनियां भी हैं, जिनमें सरकार की हिस्सेदारी अब बेहद कम हो गई है।

सरकार जिन कंपनियों का निजीकरण करने जा रही है उनमें एयर इंडिया, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, इंजीनियरिंग प्रोजेक्टस इंडिया लिमिटेड, पवन हंस, बीएंडआर, प्रोजेक्ट एंड डिवेलपमेंट इंडिया लिमिटेड, सीमेंट कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड, इंडियन मे़डिसिन एंड फार्मास्युटिक्स, सलेम इंडिया प्लांट, फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं।

इनके अलावा भारत अर्थमूवर्स लिमिटेड, एचएलएल लाइफकेयर, भारत पेट्रोलियम, शिपिंग कॉर्पोरेशन, कन्टेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, नीलांचल इस्पात लिमिटेड, हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड भी निजीकरण की लिस्ट में शामिल हैं। यही नहीं भारत पम्पस एंड कम्प्रेशर लिमिटेड, स्कूटर्स इंडिया, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट, कर्नाटक एंट्रीबायोटिक्स, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स, इंडिया टूरिज्म डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान फ्लूरोकार्बन लिमिटेड शामिल हैं।

इस आरटीआई में निजीकरण होने वाली कंपनियों की बिकने वाली हिस्सेदारी और यूको बैंक के निजीकरण के बारे में भी पूछा गया था। इस पर सरकार ने जवाब दिया है कि इन कंपनियों की कितनी हिस्सेदारी बेची जाएगी, इसका निर्णय बाजार के अनुसार होगा। यूको बैंक के बारे में सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने इस साल बजट में विनिवेश का टारगेट 2.1 लाख करोड़ रुपये रखा है। एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने के अलावा bpcl और एयर इंडिया में सरकार ने निजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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