अन्य राज्य

दिल्ली: 9वी से 12वीं कक्षाओं को फिर से खोलने की तैयारी

कोविड-19 के कारण लंबे समय से बंद दिल्ली के स्कूलों में एक सितंबर से नौवीं से 12वीं कक्षाओं तक का संचालन बहाल होने के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल अपनी इमारतों को सैनेटाइज करने और नई समय सारणियां बनाने समेत विभिन्न कदम उठा रहे हैं।

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने एक सितम्बर से स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं।एक शीर्ष निजी स्कूल के प्रधानाचार्य ने कहा, ‘‘इमारत की पूरी तरह से सफाई की जा रही है और सामान्य क्षेत्रों एवं कक्षाओं की नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था की जाएगी। हमने माता-पिता को सहमति प्रपत्र भेज दिए हैं और अभिभावकों की प्रतिक्रिया के आधार पर हम अगले सप्ताह से समय सारिणी बनाएंगे।’’उन्होंने कहा कि छात्रों को कक्षाओं में बैठकर पढ़े लंबा समय हो गया है और पहले सप्ताह में उन्हें स्वयं को इसके अनुकूल ढालने का अवसर दिया जाएग।

रोहिणी स्थित एमआरजी स्कूल की प्रधानाचार्य अंशु मित्तल ने कहा, ‘‘हमने प्रत्येक कर्मचारी के लिए टीकाकरण अनिवार्य कर दिया है। हम तभी सफल हो सकते हैं, यदि सभी हितधारक, विशेष रूप से माता-पिता हमारे साथ सहयोग करें। बच्चों को स्कूल में अपनी नियमित आदतों और बातचीत के प्रति सतर्क और जागरूक रहना होगा।’’

शालीमार बाग स्थित मॉडर्न पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य अलका कपूर ने कहा कि स्कूल ने पारंपरिक नल प्रणालियों की जगह ऐसे नल लगाए हैं, जिन्हें छूने की जरूरत नहीं पड़ती। इसके अलावा स्कूल परिसर में विभिन्न स्थानों पर सैनेटाइजर निकालने वाले ऐसे उपकरण लगाए गए हैं, जिन्हें छूने की आवश्यकता नहीं पड़ती।उन्हों

ने कहा, ‘‘हमने काफी विचार-विमर्श के बाद और विभिन्न हितधारकों को ध्यान में रखते हुए सभी कर्मचारियों और छात्रों के लिए व्यावहारिक नियम तैयार किए हैं। स्कूल में काम करने वालों के लिए कड़े प्रशिक्षण सत्र और कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं ताकि उन्हें कोविड-19 मानदंडों से अवगत कराया जा सके।’’

स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सभी की अनिवार्य रूप से ‘थर्मल स्क्रीनिंग’ हो, भोजनावकाश चरणबद्ध तरीके से हो, कक्षा में विद्यार्थियों के बीच उचित दूरी का पालन हो और आंगुतकों को आने से रोका जाए।प्राधिकरण ने कहा कि कोविड-19 निरुद्ध क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को स्कूलों और कॉलेजों में आने की अनुमति नहीं है।कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कम होने के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि एक सितम्बर से नौंवी से बारहवीं कक्षा तक के लिए स्कूल खोले जाएंगे। दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया था कि किसी भी छात्र को स्कूल आने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा और इसके लिए अभिभावकों की अनुमति अनिवार्य होगी।प्राधिकरण ने सोमवार को जारी दिशा-निर्देशों में कहा, ‘‘कोविड-19 के नियमों के तहत एक समय पर कक्षा में छात्रों की सीमित मौजूदगी सुनिश्चित करते हुए स्कूलों को समय-सारणी तैयार करनी चाहिए।

क्षमता के आधार पर प्रति कक्षा अधिकतम 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को बुलाया जा सकता है। बैठने की व्यवस्था इस तरह की जाए कि प्रत्येक एक सीट के बाद दूसरी सीट खाली हो।’’कोविड-19 के कारण लंबे समय से बंद दिल्ली के स्कूलों में एक सितंबर से नौवीं से 12वीं कक्षाओं तक का संचालन बहाल होने के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल अपनी इमारतों को सैनेटाइज करने और नई समय सारणियां बनाने समेत विभिन्न कदम उठा रहे हैं।दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने एक सितम्बर से स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं।एक शीर्ष निजी स्कूल के प्रधानाचार्य ने कहा, ‘‘इमारत की पूरी तरह से सफाई की जा रही है और सामान्य क्षेत्रों एवं कक्षाओं की नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था की जाएगी। हमने माता-पिता को सहमति प्रपत्र भेज दिए हैं और अभिभावकों की प्रतिक्रिया के आधार पर हम अगले सप्ताह से समय सारिणी बनाएंगे।’’उन्होंने कहा कि छात्रों को कक्षाओं में बैठकर पढ़े लंबा समय हो गया है और पहले सप्ताह में उन्हें स्वयं को इसके अनुकूल ढालने का अवसर दिया जाएग।रोहिणी स्थित एमआरजी स्कूल की प्रधानाचार्य अंशु मित्तल ने कहा, ‘‘हमने प्रत्येक कर्मचारी के लिए टीकाकरण अनिवार्य कर दिया है। हम तभी सफल हो सकते हैं, यदि सभी हितधारक, विशेष रूप से माता-पिता हमारे साथ सहयोग करें। बच्चों को स्कूल में अपनी नियमित आदतों और बातचीत के प्रति सतर्क और जागरूक रहना होगा।’’शालीमार बाग स्थित मॉडर्न पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य अलका कपूर ने कहा कि स्कूल ने पारंपरिक नल प्रणालियों की जगह ऐसे नल लगाए हैं, जिन्हें छूने की जरूरत नहीं पड़ती। इसके अलावा स्कूल परिसर में विभिन्न स्थानों पर सैनेटाइजर निकालने वाले ऐसे उपकरण लगाए गए हैं, जिन्हें छूने की आवश्यकता नहीं पड़ती।उन्होंने कहा, ‘‘हमने काफी विचार-विमर्श के बाद और विभिन्न हितधारकों को ध्यान में रखते हुए सभी कर्मचारियों और छात्रों के लिए व्यावहारिक नियम तैयार किए हैं। स्कूल में काम करने वालों के लिए कड़े प्रशिक्षण सत्र और कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं ताकि उन्हें कोविड-19 मानदंडों से अवगत कराया जा सके।’’स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सभी की अनिवार्य रूप से ‘थर्मल स्क्रीनिंग’ हो, भोजनावकाश चरणबद्ध तरीके से हो, कक्षा में विद्यार्थियों के बीच उचित दूरी का पालन हो और आंगुतकों को आने से रोका जाए।प्राधिकरण ने कहा कि कोविड-19 निरुद्ध क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को स्कूलों और कॉलेजों में आने की अनुमति नहीं है।कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कम होने के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि एक सितम्बर से नौंवी से बारहवीं कक्षा तक के लिए स्कूल खोले जाएंगे। दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया था कि किसी भी छात्र को स्कूल आने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा और इसके लिए अभिभावकों की अनुमति अनिवार्य होगी।प्राधिकरण ने सोमवार को जारी दिशा-निर्देशों में कहा, ‘‘कोविड-19 के नियमों के तहत एक समय पर कक्षा में छात्रों की सीमित मौजूदगी सुनिश्चित करते हुए स्कूलों को समय-सारणी तैयार करनी चाहिए। क्षमता के आधार पर प्रति कक्षा अधिकतम 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को बुलाया जा सकता है। बैठने की व्यवस्था इस तरह की जाए कि प्रत्येक एक सीट के बाद दूसरी सीट खाली हो।’’

loading...

Related Articles

Back to top button