सीएम योगी के इन बयानों से डरती है पूरी “दुनिया”

सीएम बंनने से पहले योगी आदित्यनाथ की छवि एक कट्टर हिन्दू की थी,उनके कुछ बयान चर्चा में भी रहे
योगी आदित्यनाथ ” जो 19 और 20 दिसंबर को हिंसा हुई पुलिस और प्रसासन की तारीफ करी जानी चाहिए। उतर प्रदेश में दंगा नही हुआ,एक भी दंगा नही हुआ इसलिए कोई मरने आ ही रहा है तो जिंदा कैसे हो जाएगा। पुलिस की गोली से कोई नही मरा। जो मरे है उपद्रवी , वे उपद्रवियों की गोलियों से ही मरे है।
अब तो लोगो मे इतनी भी हिम्मत नही रही के ये लोग स्वयं आंदोलन करने की हालत में हो, क्योंकि इन्हें मालूम है अगर तोड़ फोड़ करेंगे तो इनकी सम्पति ज़ब्त करने का साहस है। अब इन्होंने क्या किया है अपने घर की महिलाओं और बच्चो को चौराहे – चौराहे बैठाना शुरू कर दिया है।इतना बड़ा अपराध कि पुरूष घर मे सो रहा है रजाई ओढ़कर के और महिलाओं को आगे करके चौराहे – चौराहे पर बिठाया जा रहा है।
सबसे बड़ा अजूबा दिल्ली के मुख्यमंत्री खुद है, पता ही नही लगता है मुख्यमंत्री है या धरना मंत्री, और विकास की कोई योजना आती है तो धरने पर बैठ जाते है। मुख्यमंत्री को शोभा देता है धरने पर बैठना।
बजरंगबली हमारी हिन्दू परमपरा मे ऐसे लोकदेवता है जो स्वयं वनवासी है, वंचित पूरे भारीतय समुदाय को लेकर उत्तर से लेकर पश्चिम तक दक्षिण से लेकर पूरब तक सबको जोड़ने का काम करते है।
ईसाई मदर टेरेसा के नाम पर भारत का ईसाई करण करने की साज़िश रचते है और कभी फादर के नाम पर जगह-जगह हिन्दुओ को दफनाने की साज़िश का हिस्सा बनता है।
भारत को बदनाम करने वाले लोग अपनी वास्तविकता और अपनी औकात को भी समझेंगे, एक बार जामा मस्जिद के इम्माम ने पाकिस्तान जाकर देखा था, कुत्तो की तरह दुत्कारा गया था उन्हें। वही हाल इनका भी होगा। मेरे ख्याल से शारुख खान और हाफिज़ सईद की भाषा मे कोई अंतर नही है।
जिनको सूर्य मे भी साम्प्रदायिकता नज़र आती है, मै उन लोगो से कहूंगा वे समुद्र में जाकर डूब जाए।