उत्तर प्रदेश

योगी सरकार ने एनकाउंटर में मारे 124 अपराधी, जानें किस जाति के कितने हुए ढेर

UP Encounter: इस लिस्ट के मुताबिक 9 अगस्त 2020 तक प्रदेश में हुए एनकाउंटर में 124 अपराधी ढेर हुए. इनमें सर्वाधिक 45 अपराधी अल्पसंख्यक हैं, जबकि 11 ब्राह्मण.

लखनऊ. यूपी विधानसभा (UP Assembly) के मानसून सत्र (Monsoon Session) के लिए योगी सरकार (Yogi Government) तैयार है. एनकाउंटर (Encounter) को लेकर विपक्ष के हंगामे के आसार के बीच सरकार ने सवाल के जवाब भी तैयार कर लिए हैं. दरअसल, ब्राह्मणों (Brahmins) की हत्या और एनकाउंटर पर हमलावर विपक्ष को जवाब देने के लिए सरकार ने अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में हुए कुल एनकाउंटर और उसमें मारे गए अपराधियों की जातिवार लिस्ट तैयार की है, ताकि विपक्ष के हमलों का जवाब दिया जा सके. इस लिस्ट के मुताबिक 9 अगस्त 2020 तक प्रदेश में हुए एनकाउंटर में 124 अपराधी ढेर हुए. इनमें सर्वाधिक 45 अपराधी अल्पसंख्यक हैं, जबकि 11 ब्राह्मण हैं.

दरअसल, विधानसभा में एनकाउंटर पर उठने वाले सवालों का जवाब सरकार ने  तैयार किया है. साढ़े तीन साल के कार्यकाल में 124 अपराधी अलग-अलग एनकाउंटर में ढेर हुए. मारे गए अपराधियों में 45 अल्पसंख्यक, 11 ब्राह्मण और 8 यादव शामिल हैं. अन्य 58 अपराधियों में ठाकुर, वैश्य, पिछड़े और एससी-एसटी के हैं. 31 मार्च 2017 से 9 अगस्त 2020 तक यूपी में 124 अपराधी मारे गए. पिछले 8 महीनों में 8 ब्राम्हण अपराधी ढेर हुए. इनमें से 6 अपराधी कानपुर के बिकरू कांड में शामिल विकास दुबे और उसके गुर्गे थे. सबसे ज्यादा एनकाउंटर मेरठ में हुए. मेरठ में 14 अपराधी मारे गए, मुजफ्फरनगर में 11 ,सहारनपुर में 9,आजमगढ़ में 7 और शामली में 5 अपराधी मारे गए.

विपक्ष को जवाब देने की तैयारी

गौरतलब है कि विकास दुबे और राकेश पांडे के एनकाउंटर के बाद एक जाति के अपराधियों के एनकाउंटर पर विपक्ष ने सवाल उठाया था. अब सरकार इन आंकड़ों के जरिए यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि अपराधी किसी भी जाति और मजहब का हो सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई कर रही है. माना जा रहा है कि ब्राह्मण वोट बैंक को लेकर हमलावर विपक्ष की गणित की काट के तौर पर यह लिस्ट बनाई गई है.

डीजीपी ने कही ये बात

उधर मामले में डीजीपी एचसी अवस्थी ने पुलिस पर विशेष वर्ग के लोगों के एनकाउंटर किए जाने के आरोप पर कहा कि इस तरह के आरोप बेबुनियाद हैं. अपराधियों की कोई जाति और धर्म नहीं होता है. पुलिस एनकाउंटर में मारे गए सभी का आपराधिक इतिहास रहा है. कई तो पुलिस कर्मियों की हत्या में शामिल थे. उनका इशारा विकास दुबे एंड कंपनी पर था.

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