उत्तर प्रदेश

नवंबर तक आएगी कोविड की तीसरी लहर!

स्कूल खुलने से छोटे बच्चों में संक्रमण फैला तो हम असमर्थ होंगे: डा त्रेहन

नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की ओर से नित्य दावे- प्रतिदावे हो रहे हैैं जिससे नागरिकों में असमंजस की जबरदस्त स्थिति है। सरकार भी निरंतर आगाह करती आ रही है कि कोरोना का डर अभी बना हुआ है। केरल और महाराष्ट्र तो कोरोना के ज्वालामुखी के मुहाने पर बैठे ही हैं, उप्र जैसे राज्यों में भी अनिश्चितता है। हाल ही में उप्र के मुख्यमंत्री ने इन्हीं स्थितियों के चलते बाजार खोले रखने का समय रात 10 बजे से घटाकर 9 बजे करने का आदेश दिया है। इसी बीच मेदांता के डा नरेश त्रेहन ने सरकारों के स्कूल खोलने के फैसले को उचित नहीं कहा है। डा त्रेहन ने चेतावनी दी है कि इस फैसले के चलते छोटे बच्चों में कोविड संक्रमण की स्थिति बनी तो हमारे अस्पताल संभालने की स्थिति में नहीं होंगे। वैज्ञानिकों ने भी कोरोना को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। उनका कहना है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर और नवंबर के बीच पीक पर हो सकती है। लेकिन, इसकी तीव्रता दूसरे चरण की तुलना में काफी कम हो सकती है।आईआईटी-कानपुर के वैज्ञानिक मणिंद्र अग्रवाल ने कहा कि अगर कोई नया वैरिएंट नहीं आता है तो स्थिति में बदलाव की संभावना नहीं है। मणिंद्र तीन सदस्यीय विशेषज्ञ दल का हिस्सा हैं जिसे महामारी में बढ़ोतरी का अनुमान लगाने का काम दिया गया है।अगर तीसरी लहर आती है तो देश में रोजाना एक लाख मामले सामने आएंगे। जबकि मई में दूसरी लहर के चरम पर रहने के दौरान प्रतिदिन चार लाख मामले सामने आ रहे थे। दूसरी लहर में हजारों लोगों की मौत हो गई और कई लाख लोग संक्रमित हो गए थे।अग्रवाल ने ट्वीट किया, ‘अगर नया उत्परिवर्तन नहीं होता है तो यथास्थिति बनी रहेगी। सितंबर तक अगर 50 फीसदी ज्यादा संक्रामक म्‍यूटेंट सामने आता है तो नया वैरिएंट सामने आएगा। नए वैरिएंट से ही तीसरी लहर आएगी। उस स्थिति में नए मामले बढ़कर रोजाना एक लाख हो जाएंगे। वर्तमान में यह संख्या 25-30 हजार के मध्य चल रही है। पिछले महीने,मॉडल के मुताबिक बताया गया था कि तीसरी लहर अक्टूबर और नवंबर के बीच में चरम पर होगी। रोजाना मामले प्रतिदिन डेढ़ लाख से दो लाख के बीच होंगे। हालांकि, ऐसा तभी होगा अगर सार्स-कोव-2 का ज्यादा संक्रामक उत्परिवर्तन होता है। बहरहाल, डेल्टा से ज्यादा संक्रामक वैरिएंट सामने नहीं आया।पिछले हफ्ते का अनुमान भी इसी तरह का था। लेकिन, नए अनुमान में रोजाना मामलों की संख्या घटाकर एक से डेढ़ लाख की गई है। अग्रवाल ने कहा कि नवीनतम आंकड़ों में जुलाई और अगस्त में हुए टीकाकरण और सीरो सर्वेक्षण को भी शामिल किया गया है।

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