ये एनकाउंटर बन सकता है यूपी पुलिस के गले की फास

9 जुलाई को कानपुर के पास विकास के साथी प्रभात को एनकाउंटर मे मार गिराया। प्रभात के परिवार ने प्रभात की 10 वी क्लास की मार्कशीट और आधार कार्ड, बोर्ड एग्जाम का एनरोलमेंट पत्र सामने आकर दिखाया है।
जिसने यूपी पुलिस वे कई सवाल खड़े कर दिए है। परिवार के मुताबिक प्रभात पर किसी भी तरह का कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नही था। और नाही विकाश दुबे से उसके परिवार का कोई लेना-देना था। यहा तक कि परिवार के भी किसी सदस्य के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नही है। ऐसे मे पुलिस ने इन बातों को ध्यान मे ना रखते हुए प्रभात को बालिग अपराधी की तरह गिरफ्तार किया, बल्कि उसका इनकाउंटर तक कर डाला।
परिवार की ओर से प्रभात की उम्र को लेकर जारी किए गए दस्तावेज मे प्रभात की जन्मतिथि 27 मई 2004 है। इस हिसाब से जब प्रभात की एनकाउंटर मे मौत हुई तो वो महज़ 16 साल का था। पुलिस ने प्रभात को 7 जुलाई को पकड़ा था। 8 जुलाई को उसे फरीदाबाद कोर्ट मे पेश किया गया था। जिसके बाद उसे ट्रांसिट रिमांड पे कानपुर लेकर आ रही थी। ईसी दौरान उसका एनकाउंटर कर दिया गया।
इस मामले के बाद पुलिस की मुश्किलें बढ़ गयी है। विकाश दुबे और साथियो के एन्काउन्टर मे पुलिस पर पहले से ही सवाल उठ रहे है।ऐसे मे पुलिस ने नाबालिग प्रभात का एन्काउन्टर भी कर दिया औऱ अपनी मुश्किलें बढ़ा ली। इन सभी एनकाउन्टर की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।