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कोरोना वायरस को मात देने में कारगर है बीसीजी टीका, शोध में हुआ ये बड़ा खुलासा

बेंगलुरु। कोरोना वायरस से बचाने के लिए वैक्‍सीन बनाने के लिए दुनिया भर में वैज्ञान‍िक प्रयास कर रहे हैं। रुस, अमेरिका, चाइना, बिट्रेन की वैक्‍सीन का ह्यूमन ट्रायल भी आरंभ हो चुका है और वो अपने अंतिम चरण में है। भारत ने भी वैक्‍सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरु कर दिया है। दुनिया भर के देशों में सबसे पहले सफल वैक्‍सीन के सभी ट्रायल समाप्‍त कर आम इंसान को इसे जल्‍द से जल्‍द उपलब्ध करवाने की होड़ मची हुई है। वहीं कई वैज्ञानिक पहले से अन्‍य संक्रमण से बचाने वाले टीको को लेकर शोध कर रहे है। इसी के तहत बीसीजी वैक्‍सीन को लेकर शोध किया कि क्या ये कोरोना वायरस पर प्रभावी है? जानिए क्या कहता है शोध….

ये शोध अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस ने हाल ही में किया है जिसमें दावा किया गया है कि टीबी के लिए इस्तेमाल होने वाली बीसीजी वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ भी असर दिखा रही है।

साइंस एडवांसेज नाम के जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक बीसीजी वैक्सीन कम से कम पहले 30 दिनों में फैलने वाले कोरोना संक्रमण की रफ्तार को धीमा कर सकती है।

अगर अमेरिका में बीजीसी वैक्‍सीन अनिवार्य होती तो न होती कोरोना से इतनी मौतें

अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस के वैज्ञानिकों के अनुसार बीसीजी का टीका लगाना जिन देशों में अनिवार्य है, वहां कोरोना वायरस के प्रसार के पहले 30 दिनों में कम संक्रमण और कम मृत्यु दर देखी गई है बता दें भारत में बच्‍चे के जन्‍म के बाद बीसीजी का टीका लगवाना अनिवार्य है। शोधकर्ताओं ने ये भी दावा किया है कि अगर अमेरिका में भी वर्षो पहले बीसीजी वैक्सीन को अनिवार्य कर दिया गया होता तो वहां कोरोना से मरने वालों की संख्‍या अपेक्षाकृत कम होती।

भारत और चीन में बीसीजी टीका राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में शामिल है

वैज्ञानिकों ने कहा कि 29 मार्च तक अमेरिका में कोरोना वायरस से 2400 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। शोध में दावा किया गया कि अगर वहां बीसीजी वैक्सीन लगाई गई होती तो यह आंकड़ा 500 के नीचे ही होता। इस शोध का विश्लेषण 134 देशों के डाटा के आधार पर किया गया। बता दें भारत और चीन में बीसीजी टीका राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में शामिल है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इसी वजह से यहां मृत्यु दर कम रही है। कुछ डॉक्टरों का भी मानना है कि बीसीजी वैक्सीन कोरोना से जुड़ी परेशानियों से बचने में मदद कर रही है

भारत में भी हो रहा हो रहा ये ट्रायल

बीसीजी का टीका जन्म से 15 दिन के अंदर बच्चों को लगाया जाता है। यह कई संक्रामक बीमारियों विशेषकर टीबी जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव करता है। मालूम हो कि भारत में भी बीसीजी वैक्‍सीन का हयूमन ट्रायल चल रहा है। बीसीजी वैक्सीन का चल रहा क्लिनिकल ट्रायल भारत में तो महाराष्ट्र सरकार कोरोना मरीजों पर बीसीजी वैक्सीन का असर देखने के लिए क्लिनिकल ट्रायल भी कर रही है। इसके तहत 250 मरीजों को बीसीजी वैक्सीन लगाई गई है। शोधकर्ताओं के अनुसार इसका परिणा आने में अभी दो से तीन महीने का समय लगेगा।

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