उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश: लेक्चरर ने कहा पहले ” योगी और मोदी ” के सैक्षिक दस्तावेज़ो की जांच कराए, फिर मेरे


लखनऊ,। राजधानी के कैंट इलाके में स्थित हरिश्चंद्र इंटर कॉलेज के रसायन विज्ञान के प्रवक्ता राम निवास ने अपने शैक्षिक दस्तावेजों की जांच कराने से इंकार किया। उन्होंने प्रिंसिपल को पत्र लिखकर कहा कि उनके दस्तावेजों की जांच से पहले पीएम और यूपी के सीएम के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच की जाए उसके बाद वह जांच कराएंगे।

प्रवक्ता के पत्र को आधार बनाते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल ने डीआईओएस डा. मुकेश कुमार सिंह को लिखित में इसकी जानकारी दी। जिसके बाद डीआईओएस ने प्रवक्ता का वेतन रोकने के प्रिंसिपल को निर्देश दिए हैं। डीआईओएस ने बताया कि प्रवक्ता द्वारा विभागीय अधिकारियों के शासकीय आदेशों का अनुपालन नहीं किया गया।

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प्रवक्ता द्वारा अपने शैक्षिक अभिलेखों की जांच कराने के बजाए पीएम और सीएम जे सम्बन्ध में दिया गया बयान नियम के विपरीत होने के साथ ही आचरण नियमावली का उल्लंघन है। प्रवक्ता राम निवास के ख़िलाख माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 में निहित प्राविधानों के अंतर्गत कार्यवाई करने के निर्देश हरिश्चंद्र इंटर कॉलेज के प्रबंधक को दिए गए गए हैं।

डीआईओएस ने बताया कि शासन के आदेश पर सभी राजकीय और माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के शैक्षिक दस्तावेजों की राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में शिक्षा विभाग द्वारा गठित टीमें जांच कर रही हैं। शिक्षकों और कर्मचारियों के दस्तावेजों की का एक जिराक्स सेट जमा कर लिया जा रहा है। जिराक्स सेट के आधार पर शिक्षकों के शैक्षिक बोर्ड से भी उनके दस्तावेजों का सत्यापन कराया जाएगा। इसके आधार पर यह पुष्टि की जानी है कि विद्यालयों में नौकरी कर रहें शिक्षकों के दस्तावेज सही है अथवा नहीं। जिनके दस्तावेज सत्यापन में सही नहीं पाए जरेंगे उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

डीआईओएस ने बताया कि बीते कुछ माह पूर्व बेसिक शिक्षा विभाग और कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में शैक्षिको के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने के कई मामले सामने आए थे। इस लिए शासन के आदेश पर अब बेसी, माध्यमिक से लेकर उच्चशिक्षा तक के शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

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