उत्तर प्रदेशलखनऊ
●|| प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल करेगा केज़ीमयू ||●
||ICMR, की मंजूरी के बाद शुरू कर रहे हैं ट्रायल ||
रिसर्च डीन केजीएमयू प्रो. आरके गर्ग ने बताया कि ट्रीटमेंट और ड्रग ट्रायल दो अलग चीज होती हैं. ड्रग ट्रायल रूल्स और एथिक्स कमेटी की देखरेख में होता है. जबकि ट्रीटमेंट के साथ ऐसा नहीं होता है. वो तो डॉक्टर और पेशेंट के ऊपर निर्भर करता है, लेकिन यह इंडियन पेशेंट में कितना कारगर है और स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट में शामिल करना चाहिए या नहीं इसके लिए होती है. किसी भी दवा का क्लीनिक ट्रायल होना जरूरी है. क्लीनिकल ट्रायल को एथिक्स कमेटी से मंजूरी मिलते ही काम शुरू हो जायेगा. जिसमें डॉ. तूलिका चंद्रा, डॉ. अमिता जैन, डॉ. विरेंद्र आतम और डॉ. डी हिमांशु आदि शामिल हैं.
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