उत्तर प्रदेश

गुजरात के बाद लखनऊ पहुंचा (म्युकर माइकोसिस) कैंसर की तरह गला रहा हड्डियां , कई लोग चपेट में – जाने


कैंसर की तरह हड्डियां गला रहा ब्लैक फंगस, लखनऊ और वाराणसी में भी मिले मरीज, जानिए लक्षण


कोरोना संक्रमितों के लिए कई तरह के फंगस भी परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। वायरस की तरह फंगस भी कोविड मरीजों पर हावी हे रहे हैं। ब्लैक फंगस (म्युकर माइकोसिस) तो कैंसर की तरह मरीजों की हड्डियां तक गला रहा है। यह अपने आसपास की कोशिकाएं भी नष्ट कर सकता है। इसी तरह एसपरजिलोसिस फंगस भी कोविड मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। लखनऊ और वाराणसी में ब्लैक फंगस के मरीज मिले हैं।

ब्लैक फंगस से महाराष्ट्र में कई मौतें हो चुकी हैं। अब लखनऊ में भी इसके मरीज मिलने लगे हैं। फिलहाल केजीएमयू में ऐसे कई मरीजों का इलाज चल रहा है। केजीएमयू के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. डी हिमांशु ने बताया कि म्युकर माइकोसिस फंगस असल में हवा में होता है, जो लकड़ी वगैरह से निकलता है। 

पोस्ट कोविड मरीज भी हो रहे शिकार
डॉ. हिमांशु ने बताया कि पहले ब्लैक फंगस पोस्ट कोविड मरीजों में ज्यादा मिलता था, लेकिन अब कोविड संक्रमितों में वायरस के साथ यह फंगस भी मिल रहा है। फिलहाल केजीएमयू में ऐसे दो मरीज भर्ती हैं। दोनों मामलों में एमआरआई करवाने पर फंगस का पता चला।

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दिमाग तक पहुंच सकता है
डॉ. डी हिमांशु ने बताया कि ब्लैक फंगस शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। ज्यादातर यह नाक कान, गले और फेफड़ों में पाया जाता है। फेफड़े में यह गांठ के रूप में विकसित होता है। इससे निपटने के लिए शुरुआत में एंटीफंगल दवाएं दी जाती हैं। इसके बाद भी नियंत्रित न होने पर ऑपरेशन कर गांठ निकाली जाती है। यह फंगस दिमाग तक फंगस पहुंच सकता है। ऐसे स्थिति में मरीज की हालत गंभीर हो जाती है।

ये हैं लक्षण
नेत्र विशेषज्ञ डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि म्‍यूकोर माइकोसिस होने पर मरीज के सिर में लगातार असहनीय दर्द और आंखें लाल रहेंगी। आंखों से पानी भी गिरता रहेगा। इसके साथ ही आंख में मूवमेंट भी बंद हो जाता है। कमजोर इम्‍यूनिटी वालों को भी इससे खतरा है।

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