उत्तर प्रदेश

रिश्वत न पाने से बौखलाए ग्राम प्रधान ने ग्रामीण से ये क्या कह डाला !

जनपद खीरी के विकास खण्ड धौरहरा की ग्राम पंचायत चखलाखीपुर में ग्राम प्रधान ने एक ग्रामीण से आवास के नाम पर दस हजार रुपए की मांग की जब ग्रामीण ने रुपए देने से मना किया तो प्रधान ने ग्रामीण को धमकी भरे अंदाज में कहा कि जाओ जिलाधिकारी से आवास ले आओ।ग्राम प्रधान की धमकी से डरे सहमे ग्रामीण ने जिलाधिकारी खीरी को प्रार्थना पत्र देकर पीएम आवास योजना के मामले में निष्पक्ष न्याय की मांग की है।पीड़ित ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि उसे आवास योजना के अंतर्गत जांच कराकर लाभ दिया जाए।पूरा मामला विकास खंड धौरहरा की ग्राम पंचायत चखलाखीपुर ग्राम पंचायत का है यहां पीएम आवास योजना में एक लाभार्थी का नाम बेचे लाल पुत्र राम भरोसे है जो कि ग्राम पंचायत चखलाखीपुर विकास खण्ड धौरहरा जनपद खीरी का मूल निवासी है।पीड़ित बेचे लाल ने बताया की पीएम आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत लाभार्थी का नाम सूची में 06 नवम्बर से अंकित है।जिसका नंबर पीएमएवाईजेडी 142375872 है।ग्रामीण ने बताया कि बीते दिनों ग्राम प्रधान राकेश कुमार पाण्डेय उससे आवास के नाम पर दस हजार रुपए की रिश्वत देने की मांग की।ग्राम प्रधान ने कहा कि तुम्हारा आवास सूची में नाम आ गया है दस हजार रुपए दो आवास बनवा दें नहीं तो आवास वापस करवा देंगे।इसके बाद गरीब बेचेलाल ने रुपये न देने की बात कही साथ ही उसने कहा की वह इसकी शिकायत डीएम से करेगा।इससे बौखलाए ग्राम प्रधान राकेश पाण्डेय ने कहा कि अब जाकर डीएम से ही ले लेना आवास।पीड़ित ग्रामीण ने जिलाधिकारी खीरी से शिकायत की तो सचिव आशुतोष पाण्डेय व ग्राम प्रधान राकेश पाण्डेय दोनों ने जांच की और कहा कि अब जाकर जिलाधिकारी से आवास लेकर दिखाओ।पीड़ित ने बताया कि वह गरीब पेशा मजदूर है परिवार में तीन लड़के हैं।लड़कों की शादी हो चुकी है।एक लड़का जिसका नाम बालगोविंद है उसका एक कमरा बना हुआ है। ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव ने उसी कमरे का फोटो खींच कर डीएम वाले शिकायत पत्र में लगा दिया और गरीब बेचेलाल को अपात्र घोषित कर दिया।नाम न छापने के शर्त पर कुछ ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान व सचिव ने आवासों में सुविधा शुल्क लेकर अपात्रों को पात्र दिखाकर रेवड़ी की तरह आवास सूची में नाम दर्ज कर दिया है।ग्राम पंचायत चकलाखीपुर में तीस अपात्रों को पात्र दिखाकर आवास सूची में शामिल किया है।

 

क्या कहते हैं जिम्मेदार

 

इस सम्बन्ध में जब ग्राम पंचायत सचिव आशुतोष पाण्डेय से उक्त मामले में उनके पक्ष की जानकारी लेने के लिए उनके नम्बर पर काल की गयी तो उन्होंने फोन उठाना उचित नही समझा।थोडी देर मे वाट्सअप नम्बर पर शिकायतकर्ता का शिकायत पत्र व कमरे का फोटो भेज दिया।

loading...

Related Articles

Back to top button