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दुनियां का सबसे अमीर सख्श , जिसकी दौलत का नही लगा आज तक अंदाज़ा

टिम्बकटू का राजा मनसा मूसा इतिहास का सबसे अमीर आदमी था। आज के समय में टिम्बकटू अफ्रीकी देश माली का एक शहर है। कहते हैं कि उसके पास इतनी संपत्ति थी, जिसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल था। मूसा ने माली की सल्तनत पर उस समय हुकूमत किया था, जब वहां सोने के भंडार हुआ करते थे। कहते हैं कि उसके राज में एक साल में लगभग 1000 किलो सोने का उत्पादन होता था।

दरअसल, मनसा मूसा का असली नाम मूसा कीटा प्रथम था, लेकिन राजा बनने के बाद वो मनसा कहलाए।

मनसा का मतलब बादशाह होता है। बीबीसी के मुताबिक, मूसा की सल्तनत इतनी बड़ी थी कि इसके अंतिम छोर के बारे में अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था। आज के मॉरीटानिया, सेनेगल, गांबिया, गिनिया, बुर्किना फासो, माली, नाइजर, चाड और नाइजीरिया तब मूसा की सल्तनत का हिस्सा हुआ करते थे।

1312 ईस्वी में मनसा मूसा माली साम्राज्य का शासक बना था। करीब 25 साल के अपने शासनकाल में उसने कई मस्जिदों का निर्माण कराया था, जिनमें से कई तो आज भी मौजूद हैं। टिम्बकटू का जिंगारेबेर मस्जिद मनसा मूसा के दौर में बनी उन्हीं मस्जिदों में से एक है।

मनसा मूसा से जुड़ी एक कहानी दुनियाभर में मशहूर हैं। कहते हैं कि 1324 ईस्वी में मनसा मूसा मक्का की यात्रा पर निकला था। इस दौरान उसके काफिले में करीब 60 हजार लोग शामिल थे, जिनमें से 12 हजार तो केवल उसके निजी अनुयायी थे। इसके अलावा मनसा मूसा जिस घोड़े पर सवार थे, उससे आगे 500 लोगों का एक दस्ता था और सबके हाथ में सोने की एक-एक छड़ी थी।

कहते हैं कि मनसा मूसा के काफिले में 80 ऊंटों का एक जत्था भी था और हर ऊंट पर 136 किलो सोना लदा था। कहा जाता है कि मनसा मूसा इतने उदार थे कि जब वो मिस्र की राजधानी काहिरा से गुजरे तो वहां उन्होंने गरीबों को इतना दान दे दिया कि उस इलाके में बड़े पैमाने पर महंगाई बढ़ गई थी।

मनसा मूसा के दौर में यूरोप के पास कुछ खास खनिज पदार्थ या सोने के भंडार नहीं थे। कहते हैं कि मनसा मूसा द्वारा जब गरीबों में सोना बांटने की बात यूरोप तक पहुंची तो वो सिर्फ ये देखने के लिए माली साम्राज्य आने लगे कि मनसा मूसा की दौलत के बारे में जो बात फैली है, वो कितनी सच है। आखिरकार उन्हें अपनी आंखों से यह देखकर विश्वास हो गया कि मनसा मूसा के पास बेशुमार दौलत है।

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