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वास्तु शास्त्र : कछुआ रखने से बदल सकती है आपकी किस्मत, जाने ये प्रभावशाली उपाय

कछुए का प्रयोग प्राचीन समय से ही वास्तु उपाय के रूप में किया जाता रहा है। प्राचीनतम मंदिरों में हमें असीम शांति अनुभव होती है,उसका मुख्य कारण मंदिर के मध्य में कछुए की स्थापना है। कहा जाता है कि इसको जहाँ भी रखा जाता है वहां सुख-समृद्धि-शांति आती है। आजकल बहुत से लोग घर में कछुए की प्रतिमा रखते है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषविद् एवं कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि वास्तु के अनुसार कछुआ लंबी उम्र तो देता ही है साथ ही इसे घर या कार्य स्थल पर सही जगह पर रखा जाए तो यह आपको धन-दौलत और शोहरत भी दिलवाता है। फेंगशुई और वास्तु के अनुसार धातु ,मिट्टी, लकड़ी और स्फटिक के बने कछुए वास्तु में बहुत अच्छे माने जाते हैं।

स्फटिक का कछुआ

व्यर्थ की भागदौड़ व अनावश्यक प्रयासों से बचाते हुए यह जीवन की सार्थकता के साथ-साथ सुरक्षा भी देता है। कछुआ एक प्रभावशाली यंत्र है, जिससे वास्तु दोष का निवारण होता है और खुशहाली आती है। वास्तु तथा फेंगशुई में स्फटिक निर्मित कछुआ घर में रखना ज्यादा असरकारी माना जाता है। इसे घर में रखने से कामयाबी के साथ-साथ धन-दौलत का भी समावेश होता है। अगर आप काफी समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और कई उपाय करने के बाद भी आपको कोई विकल्प नहीं मिल रहा है तो आप घर में स्फटिक से बना हुआ कछुआ रख सकते है। इसे घर की उत्तर दिशा में रखें और मुंह अंदर की तरफ रहे। यदि आप व्यवसायी हैं, तो अपने प्रतिष्ठान की उत्तर दिशा में स्फटिक का कछुआ रखें, ऐसा करने से व्यापार में धन लाभ और सफलता मिलती है रुके हुए काम जल्दी होने लगते हैं।

धातु का कछुआ

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि धातु का कछुआ पीतल, चांदी, तांबा या अष्ट धातु से बना हुआ घर या व्यवसायिक स्थल पर लगाना शुभ माना गया है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है व वास्तुदोष भी दूर होता है। घर में धातु का कछुआ रखने से, कई समस्याओं के समाधान में मदद मिलती है। कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी अगर आपको कैरियर में सफलता नहीं मिल रही हैं तो आपको अपने घर की उत्तर दिशा में धातु से बना हुआ कछुआ रखना चाहिए। इस दिशा में धातु का कछुआ रखने से घर का वातावरण सकारात्मक रहता है,परिवार के सदस्यों का मूड भी अच्छा रहता है। घर के मुख्यद्वार पर कछुए का चित्र लगाने से परिवार में शांति बनी रहती है। यह क्लेश व नकारात्मक चीजों को घर से दूर करता है। अक्सर घर का कोई सदस्य लगातार बीमार रहता है और दवा आदि लेने पर भी सेहस में सुधार नहीं होता, तो घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में कछुए का चित्र लगाएं। इससे घर में बीमारियां नहीं आती व घर पर बुरी नजर का असर नहीं होता। कछुआ नजर दोष भी खत्म करता है।

मिट्टी से बना कछुआ

कछुआ अगर मिट्टी का बना हुआ है तो उसे उत्तर-पूर्व दिशा, मध्य या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखा जाना चाहिए,ऐसा करने से यह सर्वोत्तम परिणाम देता है। ऐसा कछुआ घर में रखने से जीवन में ऊर्जा का प्रवाह एक समान होने से स्थिरता बनी रहती है और जीवन में उतार-चढ़ाव कम आते हैं। इसे घर में रखने से जीवन में शांति, सद्भाव, दीर्घायु और पैसा आता है।

पीठ पर बच्चे वाला कछुआ

कछुए को घर में ‘गुड लक’ के लिए रखा जाता है। लेकिन एक खास प्रकार की मादा कछुआ, जिसकी पीठ पर बच्चे कछुए भी हों, यह प्रजनन का प्रतीक होता है। जिस घर में संतान ना हो या जो दंपत्ति संतान सुख से वंचित हो, उन्हें इस प्रकार का कछुआ अपने घर में रखना लाभकारी परिणाम दे सकता है।

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