उत्तर प्रदेश

आखिर मिल में हुए हजारों करोड़ के घाटे का जिम्मेदार कौन है?

सरजू सहकारी चीनी मिल बेलरायां के पीसीएस जीएम ने अखबार नवीसों को अपना बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है जिसकी लोग घोर निंदा कर रहे हैं।मिल के जीएम शुशील कुमार गोंड ने पत्रकार से बातचीत में कहा कि चीनी मिल में हो रहे घाटे के वो अकेले जिम्मेदार नहीं हैं,अब सवाल उठता है की आखिर मिल में हुए हजारों करोड़ के घाटे का जिम्मेदार कौन है,और घाटे का क्या कारण है।प्रदेश में भाजपा सरकार का मानना था कि सहकारी मिलों की पीसीएस जीएम कमान संभाले जिससे चीनी मिलों का उद्धार हो कि नीति के तहत चीनी मिल बेलरायां के पीसीएस जीएम शुशील कुमार गोंड ने कमान संभाली लेकिन सरकार के मंसूबो पर पानी फेरते हुए यहां तक कह दिया कि वो घाटे के जिम्मेदार नहीं पत्रकार खुद बताएं कि मिल में घाटा क्यों हो रहा है।अब यहाँ पर सवाल उठता है कि जब इलाके के किसान व क्षेत्रीय प्रतिनिधि चीनी मिल में हो रहे घाटे व उसके आस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे को देखकर मिल प्रशासन पर सवाल उठाने के साथ-साथ उच्चाधिकारियों से जांच की मांग की है,सूत्रों के मुताबिक मांग को जायज मानते हुए उच्चाधिकारियों ने जांच कराने की बात कही किसानों की मांग पर चीनी मिल में घाटे का जिम्मेदार कौन की खबर को क्षेत्रीय पत्रकारों ने प्रमुखता से छापा खबर छापने पर देश के चौथे स्तम्भ पत्रकारों को अप्रयत्यक्ष रूप से धमकियां मिली।किसानों की मांग है कि चीनी मिल में ठेकेदार व सप्लायर को दिए जाने वाले भुगतान व मिल में मेंटीनेंस कार्य तथा सप्लाई सामान व चीनी,शीरा,बैगास,प्रसमड का शोसल आडिट हो साथ ही किसी जांच एजेंसी द्वारा निष्पक्ष जांच हो जिससे मिल में हो रहे घाटे के कारणों का पता चले किसान महेश मिश्रा,राकेश वर्मा,संजय वर्मा,देवेंद्र वर्मा,धनीराम वर्मा सहित तमाम किसानों का मानना है कि एक मात्र चीनी मिल ही इस गांजर क्षेत्र में रोजगार का एक मात्र संसाधन है जिससे जुड़े हजारों परिवारों की जीविका चलती है,आज एक हजार करोड़ से ज्यादा के घाटे में पहुंचकर मिल के वजूद पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं घाटे के कारण मिल बन्द होने की कल्पना मात्र से ही लोग बेचैन हैं,अब सवाल यह भी है कि क्या अकेले जीएम के स्थान्तरण के बाद निष्पक्ष जांच हो पाएगी।

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