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Indian Government new drone policy : केंद्र सरकार की नई ड्रोन नीति

Indian Government new drone policy

देश की सीमा पर आजकल सुरक्षा से लेकर मौसम विज्ञान, आपदा प्रबंधन, सर्वेक्षण, खेती-किसानी से लेकर, सामान डिलीवरी और फोटोग्राफी तक में ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है। आने वाले समय में ड्रोन की उपयोगिता को देखते हुए केंद्र सरकार ने नई ड्रोन नीति का एलान किया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि ड्रोन संबंधी नए नियमों से भारत में इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण की शुरुआत हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि ड्रोन संबंधी नए नियमों से स्टार्ट-अप्स के साथ-साथ इस सेक्टर में काम करने वाले हमारे युवाओं को भी काफी मदद मिलेगी। नई नीति की जरूरत इसलिए थी क्योंकि अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों जैसे कृषि, खनन, आधारभूत संरचना, निगरानी, आपातकालीन परिस्थितियों, परिवहन, मानचित्रण, रक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसी को ड्रोन से जबरदस्त लाभ मिल रहा है और आने वाले दिनों में इसका इस्तेमाल और बढऩा है। कई देश की सेना ने अपनी सीमा सुरक्षा के लिए ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा दिया है। नवाचार, सूचना प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग में इसके बढ़ते इस्तेमाल और विशाल घरेलू मांग को देखते हुए यह माना जा रहा है कि भारत 2030 तक वैश्विक ड्रोन हब बन सकता है। ड्रोन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ड्रोन प्रोत्साहन परिषद की स्थापना करने की भी तैयारी कर रही है।

क्या है नई ड्रोन नीति

नई ड्रोन नीति के मुताबिक सभी ड्रोन का ऑनलाइन पंजीकरण होगा। अब पंजीकरण,लाइसेंस के लिए सुरक्षा मंजूरी लेने और ड्रोन के रखरखाव का प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। माइक्रो ड्रोन (गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए) और नैनो ड्रोन के लिए रिमोट पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी।कार्गो डिलिवरी के लिए कॉरीडोर बनाए जांएगे। डीजीसीए ड्रोन प्रशिक्षण आवश्यकताओं को देखेगा और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस जारी करेगा। ड्रोन उड़ाने के लिए प्रशिक्षण और परीक्षा ड्रोन स्कूलों में होगी। रिमोट पायलट लाइसेंस शुल्क का शुल्क तीन हजार रुपये (बड़े ड्रोन के लिए) से कम करके सभी श्रेणियों के लिए 100 रुपये कर दी गई है और यह 10 साल के लिए वैध है। डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म को उपयोगकर्ता के अनुकूल सिंगल-विंडो सिस्टम को विकसित किया जाएगा। जिसमें कम से कम मानव दखल होगा। नए नियमों के तहत ड्रोन का अधिकतम वजन 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है। इससे ड्रोन टैक्सियों को भी ड्रोन नियमों के दायरे में लाना आसान होगा। वैसे सरकार ने जुलाई ही में ड्रोन नियम 2021 की घोषणा की थी। यह नियम अब 12 मार्च को जारी मानव रहित विमान प्रणाली नियम 2021 की जगह लेगा। दरअसल यह नियम अकादमिक, स्टार्टअप्स, उपयोगकर्ता और अन्य हितधारकों ने बहुत प्रतिबंध करने वाला लगा था, क्योंकि इसमें काफी कागजी कार्रवाई की जरूरत थी और हर ड्रोन उड़ाने के लिए आवश्यक अनुमति चाहिए थी। इस नियम में एक बड़ी बाधा यह थी ड्रोन उडाने के लिए बहुत कम “फ्री टू फ्लाई” ग्रीन जोन उपलब्ध थे।

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