कुछ दिन तो गुज़ारो गुजरात में…प्रेम, शांति और आनंद, जहां हर क्षण महसूस होते हैं…
क्रिश्ना शाह*
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि एक पर्यटक इसके (पर्यटन स्थल के) खूबसूरत अतीत की ओर आकर्षित होगा लेकिन हमें उन्हें यहां रहने के लिए व्यवस्था बनाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है। उन्हों ने यह भी कहा है कि ब्रान्ड इंडिया पांच टी से बनता है – टेलैन्ट, ट्रेडिशन, टुरिज़म, ट्रेड और टेकनोलोजी। गुजरात में प्रधानमंत्री की बताई हुई यह दोनों बातों का अदभुत समन्वय मिलता है। यहां बिजऩेस टुरिज़म से लेकर मेडिकल टुरिज़म तक और धार्मिक पर्यटन से लेकर वन्यजीव पर्यटन तक, सभी क्षेत्रों में पर्यटक पूर्णता के साथ साथ शांति, आनंद और अतुल्य आतिथेय का अहसास करते हैं।
कहते हैं, जिंदगी के सफर में सफर करते रहना जि़ंदगी को संवार देता है। 196,024 किलोमीटर में फैला गुजरात तीन तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है। देश का छठा सबसे विशाल यह राज्य, देश और विदेश के पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है। वर्ष 2018 के आंकडों के अनुसार यहां देश – विदेश से हर साल 5.44 करोड़ पर्यटक आतें हैं। यहां कच्छ के रेगिस्तान से लेकर सापुतारा की पहाड़ीयों में चारों ओर सौन्दर्य बिखरा पड़ा है। विश्व में यह एकमात्र स्थान है, जहां एशियाटिक सिंह अपना रोज़मर्रा का प्राकृतिक वन्य जीवन व्यतीत करते हुए देखे जा सकते है।
देश में पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ गुजरात की सकल राज्य घरेलू उत्पाद 18.5 ट्रिलियन रूपये है और प्रति व्यक्ति सकल राज्य घरेलू उत्पाद 2,16,000 रूपये है। देश के सबसे अधिक औद्योगिक राज्यों में अपना परंपरागत स्थान बनाए रखते हुए गुजरात को ग्रोथ इंजिन ऑफ इंडिया कहा जाता है। जेम्स-ज्वैलरी, फार्मास्युटिकल्स, टेक्स्टाईल, केमिकल और ऑटोमोबाईल सहित कई क्षेत्रों में यहां उद्यमिता पनपी है। इसी विशेषता को अधिक निखारने के लिए यहां हर दो साल में वायब्रन्ट समिट का आयोजन होता है, जो देश-विदेश के बिजऩेस पर्यटकों में लोकप्रिय है। कोविड-19 महामारी के बाद अब अगले साल यानी कि वर्ष 2022 में गुजरात फिर से वायब्रन्ट समिट का आयोजन कर रहा है। देश के और विश्व के प्रमुख उद्योगपति और उद्यमी वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे और 2022 में, गुजरात सरकार अब राष्ट्रीय रक्षा एक्सपो की मेजबानी करने के लिए भी तैयार है।
राज्य की राजधानी गांधीनगर से सटकर बन रही गुजरात इंटरनेशनल फायनान्स टेक-सिटी (गिफ्ट-सिटी) भी बिजऩेस टुरिज़म का उज्जवल भविष्य को दर्शा रहा है। साबरमती नदी के तट पर बस रहा यह नया शहर राज्य की आर्थिक राजधानी अहमदाबाद से 12 किलोमीटर और राजनीतिक राजधानी गांधीनगर से 12 किलोमीटर की दूरी पर है। 500 एकड़ भूमि पर बन रहा यह शहर सिर्फ मुंबई, बैंगलुरु, गुरुग्राम जैसे देश के अन्य शहरों से ही नहीं बल्कि विदेश के शहरों में स्थित फायनेंस और टेक कंपनीओं को भी आकर्षित कर रहा है।
एक तरफ विल्सन हिल्स, पावागढ़ और सापुतारा जैसे पर्वतीय इलाके पर्यटकों में साहस और उत्साह जगा रहे हैं, वहीं अहमदनगर, चोरवाड, डुमस, द्वारका, ओखा, सोमनाथ, तीथल, कच्छ और जामनगर के समुद्र तट सहलानीओं को आराम और आनंद की अनुभूति देते हैं।
गुजरात में ऐतिहासिक किले, महल, मंदिर, मस्जिद और देश के स्वातंत्र्य संग्राम से जुड़े कई ऐतिहासिक महत्त्वपूर्ण स्थान है। इन में से कई महल और किले हेरिटेज होटेल में तबदील कर दिए गए है, जिससे पर्यटकों को इनकी स्मृति अविस्मरणीय बने। जैसे वडोदरा का लक्ष्मी विलास पेलेस, जो लंडन के बंकिंगहाम पेलेस से चार गुना बड़ा है। वहीं, लोथल, धोलावीरा और चांपानेर जैसे विश्व धरोहर स्थल भी गुजरात के पर्यटकों में आकर्षण जमा रहे हैं। बांधणी, पटोळा, कच्छी वर्क, खादी, बाम्बू क्राफ्ट, ब्लॉक प्रिन्टिंग, एम्ब्रोइडरी, रोगान पेन्टिंग और पिथोरा जैसी हस्तकलाएं राज्य की भव्य संस्कृति को उजागर करती है।
21 बीच, सात बर्ड वॉचिंग साइट्स, 49 इको टुरिज़म साइट्स, गांधी सरकीट नाम से मशहूर महात्मा गांधी के पांच मुख्य कर्मस्थल, आठ गोल्फ टुरिज़म स्थल, 58 हेरिटेज साइट्स, 52 म्युजिय़म्स और 117 से अधिक धार्मिक स्थानों के अलावा राज्य में भूज, वांसदा नेशनल पार्क, नळसरोवर बर्ड सेंचुरी और पालीताणा शत्रुंजय जैसे वीक-एन्ड गेट-अवेज़ भी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प और मजबूत इरादों से वडोदरा शहर से 100 किलोमीटर की दूरी पर महात्मा गांधी के समर्थक और स्वतंत्र भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 597 फीट ऊंची प्रतीमा स्थापित की गई है। केवडिय़ा रेलवे स्टेशन से पांच किलोमीटर की दूरी पर सरदार सरोवर डेम के सामने बनी ये प्रतीमा कुछ ही समय में देश-विदेश के पर्यटकों का आकर्षण का कैन्द्र बनी हुई है। 2700 करोड़ रूपये की लागत से बनी ये प्रतीमा का 1 नवंबर, 2018 के रोज उद्घाटन के बाद पहले सिर्फ 11 दिनों में ही 1,28,000 पर्यटकों ने दौरा किया था। 15 मार्च, 2021 तक 50 लाख से अधिक पर्यटक यहां दौरा कर चूके हैं।
वर्ष 2009 से 2018 में गुजरात के पर्यटकों की संख्या में 15 प्रतिशत एकत्रित विकास दर दर्ज किया गया है। अतिथि देवो भव: के मंत्र के साथ राज्य में समुद्र तट और क्रुज़ टुरिज़म, एडवैन्चर और वाइल्ड लाइफ टुरिज़म और गांव की जि़ंदगी के स्वानुभव पर केन्द्रित राज्य सरकार की कई प्रवासन योजनाएं भी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
देश के कुल 71 लाइटहाउसीज़ में से 16 गुजरात में स्थित हैं। राज्य सरकार इसको केन्द्र में रखकर देश के और समुद्र के उस पार अन्य देशों के सहलानियों को अपने अतुल्य आतिथेय से सत्कारने को उत्सुक है। गुजरात की मुलाकात ले रहे कई पर्यटक यहां की शांति, सहयोग, सत्कार और आतिथेय से प्रभावित होकर यहां हमेशा के लिए बसने के सपने संजो लेते हैं और वे खुद गुजरात के प्रवासन के ब्रान्ड ऐम्बेसेडर बनकर लोगों को बताते हैं – कुछ दिन तो गुज़ारो गुजरात में…
लेखिका वरिष्ठ पत्रकार है