अन्य खबरें

आदिवासी दलितों को मिले ब्याज मुक्त कर्ज-आइपीएफ
अनिश्तिकालीन धरने के दसवें दिन उठी मांग

आदिवासियों और दलितों को अनुसूचित जाति-जनजाति वित्त विकास निगम से ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध कराया जाए ताकि वह अपनी आजीविका का इंतजाम कर सके। यह मांग आज रासपहरी में जारी आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के धरने के दसवें दिन उठी।
     धरने में वक्ताओं ने कहा कि दुद्धी में आर्थिक पिछड़ापन है। खेती किसानी पिछड़ी हुई और अनुत्पादक है और उद्योगों में स्थानीय दलितों आदिवासियों को रोजगार नहीं मिलता। लोंगों की आजीविका का इंतजाम न होने से आदिवासी दलित पलायन करने को मजबूर है। जहां वह काम भी करने जाते है वहां भी उनसे बंधुआ मजदूरों की तरह काम कराया जाता है। काम कराकर मजदूरी नहीं दी जाती, कई तो टीबी, सिलकोसिस जैसी बीमारियां लेकर घर लौटते है। इस क्षेत्र में आदिवासियों दलितों को लूटने के लिए बैंकों से कर्ज दिलाने वाला सिंडीकेट काम करता है जो अनपढ़़ आदिवासियों की जमीनें गिरवी रखवाता है। यदि इसकी जांच हो जाए तो दुद्धी में बड़े पैमाने पर इसकी लूट सामने आयेगी। इसलिए दुद्धी में विकास के लिए सरकार को लोगों की आजीविका का प्रबंध करना चाहिए। किसानों के कर्जे माफ करने चाहिए, बड़े पैमाने पर सहकारी बैंकों की शाखाएं ग्रामीण स्तर पर खोलनी चाहिए और अनुसूचित जाति जनजाति वित्त विकास निगम के जरिए ब्याज मुक्त कर्ज देना होगा। धरने में आइपीएफ जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका, मजदूर किसान मंच जिला अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, मंगरू प्रसाद गोंड़, मनोहर गोंड़, संजय गोंड़, देव कुमार विश्वकर्मा, इन्द्रदेव खरवार, बिरझन गोंड़, चंद्रपाल गोंड़, सुनीता देवी, सोनी देवी, उदसिया देवी, संतोष कुमार बैगा, ममता देवी, विजय सिंह गोंड़ आदि उपस्थित रहे।

loading...

Related Articles

Back to top button