अन्य खबरें

ब्लॉकचैन तकनीक क्या है, यहां जानिए कैसे करती है काम

Blockchain technology Hindi explained

बिटकॉइन और दूसरी वर्चुअल करेंसीज़ को संचालित करने वाली ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी असल में एक ओपन, डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर है जो दो पक्षों के बीच हुए ट्रांजैक्शन को हमेशा के लिए इस तरह रिकॉर्ड करता है।

जिसे वेरिफाई (सत्यापित) किया जा सकता है। साधारण शब्दों में कहें तो ब्लॉकचेन ट्रांजैक्शन्स की एक चेन की तरह काम करता है, जहां पिछले सभी ट्रांजैक्शन्स के साथ नए ट्रांजैक्शन्स भी हमेशा के लिए रिकॉर्ड हो जाते हैं (चेन की तरह)।

POW प्रोटोकॉल पर कन्सेन्सस की वजह से इससे कभी, किसी तरह की छेड़-छाड़ नहीं की जा सकती। साथ ही इसमें खरीदने वाले की पहचान गोपनीय और निजता बनाए रखने का भी प्रावधान है।

 ब्लॉकचेन यानि एक ऐसी दुनिया जहां सारे कॉन्ट्रैक्ट एक डिजिटल कोड से जुड़े होते हैं जिन्हें पारदर्शी, शेयर्ड डेटाबेस में स्टोर किया जाता है और इनमें किसी तरह की छेड़-छाड़ करना या मिटा पाना मुश्किल है। Blockchain technology Hindi explained

ब्लॉकचेन कैसे काम करती है?

ब्लॉकचेन एक ऐसा डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर है, जिस पर क्रिप्टोकरेंसीज़ आधारित होती हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो ब्लॉकचेन में तीन महत्वपूर्ण अंग (कॉसेंप्ट्स) होते हैं। ये ब्लॉक्स, नोड्स और माइनर्स के नाम से जाने जाते हैं।

 Blockchain technology  explained in hindi ब्लॉकचैन तकनीक क्या है...

ब्लॉक्स

हर ब्लॉकचेन में कई ब्लॉक्स होते हैं जिनमें डेटा स्टोर होता है। ब्लॉक क्रिएट होने पर एक नोन्स या 32-बिट का होल नंबर जनरेट होता है। इसके बाद चेन का पहला ब्लॉक क्रिएट होने पर एक क्रिप्टोग्राफिक हैश जनरेट किया जाता है। इसके बाद मान लिया जाता है कि ब्लॉक में मौजूद डेटा साइन्ड है। यह नोन्स और हैश से तब तक बंधा होता है, जब तक इसे माइन नहीं कर लिया जाता।

माइनर्स

माइनर्स, माइनिंग प्रोसेस के द्वारा ब्लॉकचेन पर नए ब्लॉक्स क्रिएट करते हैं। इस प्रक्रिया के तहत वे हाई कम्प्यूटेशनल पावर वाले स्पेशल कंप्यूटर्स की मदद से बेहद जटिल (कॉम्प्लेक्स) मैथमेटिकल इक्वेशन हल करते हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि हर ब्लॉक का एक युनीक नोन्स और हैश होता है। इसके साथ ही यह चेन के पिछले ब्लॉक का रेफरेंस देकर माइनिंग की प्रक्रिया को और ज्यादा जटिल बना देता है, खासकर बड़ी ब्लॉकचेन्स में।

नोड्स Blockchain technology Hindi explained

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में डिसेंट्रलाइजेशन एक महत्वपूर्ण कॉन्सेप्ट है। इस पर किसी एक संस्था या कम्प्यूटर का अधिकार नहीं होता। बल्कि यह चेन से कनेक्टेड ढेरों कम्प्य़ूटर्स या नोड्स में डिस्ट्रिबेयूट कर दिया जाता है।

एक ब्लॉक के सफलतापूर्वक माइन होने पर, इसे नेटवर्क (कंसेन्सस) पर मौजूद सभी नोड्स द्वारा अप्रूव किया जाना जरूरी है। माइनिंग प्रोसेस द्वारा जैसे-जैसे नए ब्लॉक्स जुड़ते जाते हैं, वैसे- वैसे वे अधिक सुरक्षित होते जाते हैं और उनसे किसी तरह की छेड़-छाड़ करना मुश्किल होता जाता है। भविष्य में क्रिएट होने वाले सभी ब्लॉक्स, पिछले ब्लॉक से मिली जानकारी पर निर्भर होते हैं ताकि उनसे ट्रांजैक्शन्स की एक सुरक्षित ब्लॉकचेन बनाई जा सके, जिसे डिसेंट्रलाइज्ड होते हुए भी बदला न जा सके।

 Blockchain technology  explained in hindi ब्लॉकचैन तकनीक क्या है...

ब्लॉकचेन का इस्तेमाल

बिटकॉइन, मीडियम ऑफ एक्सचेंज या मुद्रा के तौर पर ब्लॉकचेन के इस्तेमाल का सबसे पहला उदाहरण है। लेकिन ब्लॉकचेन का इस्तेमाल और भी कई कामों में किया जाता है। खासतौर पर दो पक्षों के बीच सुरक्षित रूप से निजी या व्यक्तिगत जानकारी के लेन-देन में। यहां हम बता रहे हैं कुछ और ऐसे काम जिनमें ब्लॉकचेन का उपयोग किया जा सकता है:

  • विदेश पैसे भेजने या मंगवाने में
  • निजी पहचान सुरक्षित रखने में
  • सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स सिस्टम की निगरानी
  • नॉन फंजिबल टोकेन्स या (NFTs) से मार्केटप्लेस डीलिंग
  • पेशेंट रिकॉर्ड्स का ट्रांसमिशन

ब्लॉकचेन्स के प्रकार

ब्लॉकचेन्स मुख्य रूप से दो तरह की होती हैं। प्राइवेट और पब्लिक ब्लॉकचेन्स। हालांकि इनके अलावा कंसोर्शियम और हाइब्रिड ब्लॉकचेन्स भी होती हैं।

पब्लिक ब्लॉकचेन एक ऐसा डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर सिस्टम होता है जिसमें अनुमति की ज़रूरत नहीं होती। इसमें कोई भी व्यक्ति जिसके पास इंटरनेट कनेक्शन हो, साइन इन करके ब्लॉकचेन नेटवर्क पर अधिकृत नोड बन सकता है। सबसे आम पब्लिक ब्लॉकचेन हैं बिटकॉइन और लाइटक्वाइन ब्लॉकचेन। इनका इस्तेमाल आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसीज़ की माइनिंग और एक्सचेंज के लिए किया जाता है।

वहीं दूसरी ओर, प्राइवेट ब्लॉकचेन ऐसी ब्लॉकचेन होती है जो एक क्लोज़ड नेटवर्क में होती है और इसमें अनुमति की ज़रूरत होती है। आम तौर पर प्राइवेट ब्लॉकचेन्स किसी कंपनी या संस्था के कुछ चुनिंदा सदस्यों तक सीमित होती है, जो नेटवर्क के सहभागी होते हैं। प्राइवेट ब्लॉकचेन नेटवर्क्स मुख्य रूप से सप्लाई चेन मैनेजमेंट, वोटिंग, डिजिटल पहचान आदि के लिए इस्तेमाल होते हैं।

हाइब्रिड ब्लॉकचेन्स, प्राइवेट औऱ पब्लिक ब्लॉकचेन्स का मिश्रण होती हैं। यह एक लचीली व्यवस्था होती है, जिसमें कई पब्लिक नेटवर्क्स के साथ प्राइवेट ब्लॉकचेन भी शामिल हो सकती हैं। ड्रैगनचेन, हाइब्रिड ब्लॉकचेन्स का ही एक उदाहरण है।

इसके अलावा कुछ जटिल ब्लॉकचेन सिस्टम भी होते हैं जैसे कि कंसोर्शियम ब्लॉकचेन। यह एक सेमी-डिसेंट्रलाइज्ड (अर्ध विकेंद्रित) व्यवस्था होती है, जिसमें एक से ज्यादा संस्थाएं नेटवर्क को मैनेज करती हैं। इनका इस्तेमाल आमतौर पर बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा किया जाता है।

ब्लॉकचेन्स और क्रिप्टोकरेंसीज़

ब्लॉकचेन एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसकी बदौलत क्रिप्टोकरेंसीज़ अस्तित्व में आईं। बिटकॉइन, जो कि पहली क्रिप्टोकरेंसी है, एक पब्लिक ब्लॉकचेन नेटवर्क पर आधारित है। मार्केट कैप के लिहाज़ से दूसरी सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी, इथेरियम ने ब्लॉकचेन्स के कॉन्सेप्ट को एक कदम आगे ले जाते हुए सेल्फ-एग्जिक्यूटिंग कॉन्ट्रैक्ट्स, जिन्हें स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट भी कहा जाता है, की मदद से डिसेंट्रलाइज्ड फिनान्स ऐप्लिकेशन का चलन शुरू किया। लगभग सभी क्रिप्टोकरेंसीज़ ट्रांजैक्शन्स रिकॉर्ड करने के लिए ब्लॉकचेन्स का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन जैसा कि हम पहले ही जान चुके हैं कि ब्लॉकचेन्स का इस्तेमाल सिर्फ क्रिप्टोकरेंसीज़ तक सीमित नहीं।

कुल मिलाकर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी भविष्य में क्रांतिकारी बदलाव लाने की ताकत रखती है। खास तौर पर वित्तीय क्षेत्र में। अब तो बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसीज़ में संस्थाएं भी दिलचस्पी ले रही हैं और धीरे-धीरे इसे मुख्य धारा में भी स्वीकार्यता मिल रही है। क्रिप्टोकरेंसी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे सेंट्रल बैंक्स और अलग-अलग करेंसीज़ पर निर्भरता कम होगी। ब्लॉकचेन में कोई भी, दुनिया के किसी भी हिस्से में, किसी को भी क्रिप्टोकरेंसी भेज सकता है। वो भी बिना किसी करेंसी एक्सचेंज या बैंक जैसी मध्यस्थ संस्थाओं के बिना। ऐसे में इस बात को आसानी से समझा जा सकता है कि टेस्ला और माइक्रो स्ट्रैटेजी जैसी कंपनियों ने भविष्य में इसकी संभावनाओं को देखते हुए क्यों बिटकॉइन में इतना बड़ा निवेश किया है।

अब तो निवेशक भी अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाइ करने के लिए निजी रूप से बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसीज़ में निवेश करने लगे हैं। अगर आप भी अपनी पहली क्रिप्टोकरेंसी खरीदना चाहते हैं, तो CoinDCX Go पर साइन अप (रजिस्टर) करें और अपना अकाउंट खुलने के कुछ ही संकेंड्स में ट्रेडिंग शुरू कर दें। इस ऐप पर केवल वही क्रिप्टोकरेंसी टोकेन्स लिस्टेड हैं, जो दुनिय भर में सत्यापित हैं। ताकि नए निवेशकों को निवेश शुरू करने में आसानी रहे। ज्यादा जानकारी के लिए CoinDCX Go वेबसाइट पर विज़िट करें।

Blockchain technology Hindi explained

loading...

Related Articles

Back to top button